Madhu varma

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लेखनी कविता -तितली - बालस्वरूप राही

तितली / बालस्वरूप राही


तितली रानी, इतने सुंदर
पंख कहाँ से लाई हो?
क्या तुम कोई शाहजादी हो?

फूल तुम्हें भी अच्छे लगते
फूल हमें भी भाटे हैं।
वे तुम को कैसे लगते जो
फूल तोड़ ले जाते हैं?

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